पर्यावरणीय शिक्षा की अवधारणा
Environmental Studies in Hindi :Concept of Environmental Education
Environmental Studies in Hindi :आधुनिक युग में पर्यावरण शिक्षा का आरंभ 19वीं शताब्दी में हुआ था। सन 1965 में कील विश्वविद्यालय में पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता को स्वीकार किया गया। सन 1972 के ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जो स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था, जिसका विषय था 'मानक पर्यावरण'। इसने पर्यावरणीय शिक्षा अभियान को सभी अर्थों में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना दिया।
वर्तमान में प्रत्येक देश में पर्यावरणीय शिक्षा पर विशेष बल दे रहा है। तथा शैक्षिक पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा को जोड़ा गया है।
परिभाषा
Definition
(1982) जेल की इनसाइक्लोपीडिया ऑफ एजुकेशनल रिसर्च के अनुसार," पर्यावरण शिक्षा अंत: अनुशासनात्मक होनी चाहिए। अवधारणातमक उपागम पर्यावरण शिक्षा देने के लिए सर्वोत्तम है।"
पर्यावरण अध्ययन का विषय क्षेत्र
Subject Area of Eenvironmental Studies
पर्यावरण अध्ययन का विषय क्षेत्र निम्न प्रकार से है -
- पारिस्थितिकी एवं पारिस्थितिकी तंत्र।
- जीवमंडल के घटक (पादप, जंतु, सूक्ष्मजीव)।
- पर्यावरण प्रकोप (प्राकृतिक और मानव जनित)।
- पर्यावरण अवनयन तथा प्रदूषण (स्थानीय व विश्वव्यापी)।
- पर्यावरण प्रबंधन।
न्यूमैन ने '1981' में पर्यावरणीय शिक्षा योजना को तीन भागों में वर्गीकृत किया है ,जो इस प्रकार हैं -
- पर्यावरण अध्ययन (समाधान)।
- पर्यावरण विज्ञान (प्रदूषक व वैज्ञानिक विधियों का अध्ययन)।
- पर्यावरण प्रौद्योगिकी (तकनीकी विधियों का अध्ययन)।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा की प्रकृति
Nature of Environmental Education
Environmental Studies in Hindi :1 नवंबर 1980 को भारत में पर्यावरण विभाग की स्थापना की गई और 1985 में 1 नए मंत्रालय "पर्यावरण और वन विभाग" का गठन किया गया है। इसकी प्रकृति निम्नांकित है -
- पर्यावरणीय शिक्षा पर्यावरण के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा है।
- पर्यावरण शिक्षा पर्यावरण के विषय में शिक्षा है।
- पर्यावरणीय शिक्षा पर्यावरण के लिए शिक्षा है।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा का उद्देश्य
Environmental Education Objective
Environmental Studies in Hindi :बेलग्रेड कार्य गोष्ठी में पर्यावरण शिक्षा के निम्नांकित उद्देश्य हैं -
- बालकों में समग्र पर्यावरण तथा समस्याओं के प्रति ज्ञान संवेदनशीलता तथा जागरूकता विकसित करना।
- बालकों में सामाजिक मूल्यों वातावरण के प्रति प्रेम भावना व संरक्षण व सुधार की अभिवृत्ति विकसित करना।
- शैक्षिक कारणों के संदर्भ में मूल्यांकन करने की योग्यता विकसित करना।
- पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के कौशल विकसित करना।
- उत्तरदायित्व की भावना तथा सहकारिता का विकास करना।
विधार्थ ने पर्यावरण शिक्षा के उद्देश्यों को निम्नलिखित तीन समूहों में बांटा है -
- संज्ञानात्मक - इसके अंतर्गत पर्यावरण संबंधित समस्याओं के राजनैतिक एवं वैज्ञानिक समाधान में व्यक्ति व सामाजिक समूहों में चिंतन की क्षमता विकसित करना है।
- आदर्श मूलक - इसका संबंध पारिस्थितिकी संचेतना विकसित करने एवं पर्यावरण संतुलन पर दुष्प्रभाव डालने वाले कारकों की पहचान से है।
- तकनीकी एवं उपयोगिता मूलक - तकनीकी विधियों द्वारा आर्थिक विकास के तंत्र में जैविक संतुलन पर पड़ने वाले कुप्रभाव को रोका जा सके।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व
Importance of Environmental Education
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरणीय शिक्षा के महत्व को हम निम्नांकित बिंदुओं से समझ सकते हैं -
- बालकों को वनों से लाभ संरक्षण के लिए प्रेरित करना।
- पर्यावरणीय शिक्षा में विषयों को समन्वित करके पढ़ाया जाता है।
- पर्यावरणीय शिक्षा सामाजिक चरित्र के विकास में सहायक है।
- पर्यावरणीय शिक्षा छात्रों को जनतांत्रिक नागरिक बनाने में सहायता करती है।
- चारागाह को विकसित करने की प्रेरणा देती है।
- पर्यावरण को संतुलित एवं संरक्षित रखने के लिए प्रेरित करना।
- पर्यावरण शिक्षा द्वारा जनसंख्या वृद्धि से होने वाले अनेक प्रकार के प्रदूषण के बारे में ज्ञान मिलता है।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा में शैक्षिक संस्थाओं की भूमिका
Role of Educational Institutions in Environmental Education
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा में शैक्षिक संस्थाओं की भूमिका को निम्नांकित बिंदुओं के तहत समझा जा सकता है -
- पर्यावरणीय शिक्षा को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।
- राष्ट्रीय सेवा योजना ,स्काउट गाइड कार्यक्रम, वृक्षारोपण, पर्यावरण प्रदूषण एवं उसकी जानकारी से पर्यावरण शिक्षा संबंधित होनी चाहिए।
- 'प्रकृति भ्रमण कार्यक्रम' को बढ़ावा देना चाहिए।
- पर्यावरण से संबंधित विषयों पर परिचर्चा ,गोष्ठी एवं व्याख्यान का आयोजन करना चाहिए।
- पर्यावरण संबंधी विभिन्न प्रकार के मॉडल, चित्र, प्रदर्शनी, खिलौने एवं मानचित्र का प्रदर्शन करना चाहिए।
- कविता ,नाटक, एकांकी और कहानियों द्वारा पर्यावरण जागरूकता उत्पन्न करना चाहिए।
- 'पर्यावरण दिवस' मनाना तथा सभी छात्रों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- जड़ी बूटियों तथा अन्य प्राकृतिक संपदाओं की विशेषताओं से छात्रों को परिचित कराना चाहिए।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा में शिक्षक की भूमिका
Role of Teacher In Environmental Education
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण शिक्षा में शिक्षक की भूमिका को निम्नांकित बिंदुओं से समझा जा सकता है -
- पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं का आयोजन करना चाहिए।
- पर्यावरण प्रदूषण एवं विकृतियों को विश्लेषण एवं मूल्यांकन करने में सहायता देना चाहिए।
- पर्यावरण चेतना संबंधी फिल्मों, निबंध, लेख एवं रिपोर्टों से अवगत कराना चाहिए।
- पर्यावरण के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं का ज्ञान कराना चाहिए।
- पर्यावरण शिक्षा में विशिष्ट स्थलों के दृष्टांतओं से साक्षात्कार करना चाहिए ।
- गांवों ,शहरों, अभिभावकों, सामान्य लोगों के बीच जाकर जागरूकता फैलाना चाहिए।
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण जागरूकता
Environmental Awareness
Environmental Studies in Hindi : पर्यावरण जागरूकता के अर्थ को हम लोग निम्नांकित बिंदुओं से समझ सकते हैं -
- पर्यावरण घटकों के बीच पारस्परिक संबंध निर्भरता व अभिवृत्ति तथा विकास को समझना चाहिए।
- व्यक्तिगत रूप या सामूहिक रूप से क्रियाओं को आरंभ करना चाहिए।
- पर्यावरण के अंतर्गत मानवीय सामग्री स्थान तथा समय और स्रोतों को पहचानना चाहिए।
- प्राकृतिक स्रोतों के उपयोग के लिए निर्णय लेना तथा उनके महत्व को समझना चाहिए।
- समुदाय प्रयासों में सहायता करना जिससे उनका विशिष्ट उपयोग हो सके।
आज के लेख में हमने पर्यावरणीय शिक्षा की अवधारणा ,पर्यावरण अध्ययन का विषय क्षेत्र ,पर्यावरण शिक्षा की प्रकृति, पर्यावरण शिक्षा का उद्देश्य, पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व, पर्यावरण शिक्षा में शैक्षिक संस्थाओं की भूमिका, पर्यावरण शिक्षा में शिक्षक की भूमिका, और पर्यावरण जागरूकता के अर्थ के बारे में जाना और समझा।
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