ब्लॉक तथा न्याय पंचायत स्तर पर शैक्षिक अभिकरण
Teacher Eligibility Test : ब्लॉक संसाधन केंद्र (B.R.C.) तथा न्याय पंचायत संसाधन केंद्र (N.P.R.C.)
ब्लाक स्तर पर ब्लाक संसाधन केन्द्र ( बीआरसी) तथा समष्टि/ समूह ( क्लस्टर) स्तर पर न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र ( एनपीआरसी) नियमित रूप से शैक्षिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं, अध्यापक प्रशिक्षण संचालित कर रहे हैं, कार्यशालाओं, बैठकों तथा समकक्षीय शिक्षा के केंद्र के साथ- साथ उत्कृष्ट व्यवहार की सहभागिता का अनुश्रवण कर रहे हैं।
पूर्व में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी के उत्तरदायित्वों में शैक्षिक स्तर का निरीक्षण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्तर सुनियोजित करना था। किन्तु विद्यालयों की संख्या एवं छात्रों के पंजीयन में एकाएक वृद्धि हो जाने के कारण शैक्षिक जगत की स्थितियां बेसिक शिक्षा अधिकारी के नियन्त्रण शक्ति से परे होने लगीं, जिसके फलस्वरूप शिक्षा जगत में संकट की स्थितियां उत्पन्न हो गयीं। अतः ऐसी असामान्य स्थिति के संशोधन हेतु कोठारी आयोग ने विद्यालय को समष्टि/ समूह के रूप में परिकल्पिक करते हुये " विद्यालय क्लस्टर" ( विद्यालय समष्टि) की अवधारणा के आधार पर प्रत्येक विद्यालय में एक " समिती" गठन का परामर्श दिया, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्या अर्जन की उपलब्धियों में अभिवृद्धि हो सके।
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के उपर्युक्त 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीआरसी / एनपीआरसी समन्वयकों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व निर्वहन हेतु उन्हें प्रभावी निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण का प्रशिक्षण दिया गया।
परियोजना उत्तरदायित्वों को बीआरसी / एनपीआरसी की दिन - प्रतिदिन की गतिविधियों के अनुकूल क्रियान्वित किये जाने हेतु बीआरसी समन्वयक एवं एनपीआरसी समन्वयक के पद सृजित किये गये हैं।
बीआरसी- समन्वयक एवं एनबीआरसी- समन्वयक की महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं के दृष्टिगत उनका चयन सावधानी के साथ किया जाना आवश्यक है। इस प्रकार से बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों के चयन हेतु सुनियोजित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार प्राविधानित किया गया है।
लिखित परीक्षा के संचालन हेतु निम्नांकित सदस्यों वाली समिति गठित की गयी है-
प्राचार्य डीआईईटी अध्यक्ष विशेषज्ञ बी0 एस0 ए0 सदस्य - सचिव उपप्राचार्य, डीआईईटी उपाध्यक्षवरिष्ठ प्रवक्ता, डीआईईटी सदस्यउप बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य
चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता का सावधानीपूर्वक निर्वाह किया जाता है।
प्राथमिक शिक्षा के प्रबंधन के लिए ब्लॉक स्तर पर बीआरसी तथा एनपीआरसी की स्थापना की गई है। इन केंद्रों पर किए जाने वाले समस्त कार्यों को निम्नांकित प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है -
अकादमिक कार्य - इसके कार्य निम्न प्रकार से हैं -
विद्यालय भ्रमण एवं शैक्षिक अनु समर्थन।बैठकों एवं गोष्ठियों का आयोजन।प्रतियोगिताओं का आयोजन।
प्रशासनिक तथा वित्तीय कार्य - इसके अंतर्गत निम्न कार्य आते हैं -
कार्य योजना बनाना।
क्रियान्वयन।
अभिलेखों का रखरखाव।
प्रबंधन।
ब्लाक स्तर पर ब्लाक संसाधन केन्द्र (B.R.C.) तथा समष्टि/ समूह स्तर पर न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र (N.P.R.C.) नियमित रूप से शैक्षिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं, अध्यापक प्रशिक्षण संचालित कर रहे हैं, कार्यशालाओं, बैठकों तथा समकक्षीय शिक्षा के केंद्र के साथ- साथ उत्कृष्ट व्यवहार की सहभागिता का अनुश्रवण कर रहे हैं।
Teacher Eligibility Test : भौतिक एवं वित्तीय संसाधन
बीआरसी एवं एन बी पी आर सी के आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु यथेष्ट भौतिक एवं आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। यथा - इन्हें टी 0 वी 0, वी 0 सी 0 आर 0, जेनरेटर सेट, दृष्य - श्रव्य सामग्री, पुस्तकें, पत्रिकायें, टाट - पट्टी, दरी, कुर्सियां, मेज, अलमारी, आकस्मिकता सामग्री, यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु वित्त समिति है, एबीएसए समिति के अध्यक्ष हैं जो वित्त समिति के सहयोग से धन व्यय हेतु अधिकृत हैं। इस प्रकार से बीआरसी एवं एनपीआरसी उपयुक्त भवनों में कार्यरत है और समस्त संसाधनों सहित शैक्षिक क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। इन केन्द्रों में संगीत के उपकरण भी स्थापित हैं जिनकी सहायता से बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयक अध्यापकों को ग्रामीण क्षेत्रों में उपयुक्त वातावरण को सृजित करने में सहयोग करते हैं। बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयक महिलाओं व पुरूषों के निमित्त कार्यक्रमों के समाधान हेतु अभियान का भी प्रबन्धन कर सकते हैं। इस प्रकार से बीआरसी एवं एनपीआरसी बच्चों की विद्यार्जन प्रक्रिया एवं उनकी हर क्षेत्र की प्रोन्नति हेतु निरन्तर कार्यरत हैं।
बीआरसी / एनपीआरसी समन्वयकों का सशक्तिकरण
परियोजना के उत्तरदायित्वों को बीआरसी/ एनपीआरसी की दिन- प्रतिदिन की गतिविधियों के अनुकूल क्रियान्वित किये जाने हेतु बीआरसी समन्वयक एवं एनपीआरसी समन्वयक के पद सृजित किये गये हैं। बीईपी अर्थात् बेसिक शिक्षा परियोजना में मात्र एक बीआरसी- समन्वयक का पद है किन्तु D.P.E.P.- ।। अर्थात् जनपदीय प्राथमिक शिक्षा परियोजना श्रृंखला- दो में बीआरसी- समन्वयक पद के साथ ही सहायक बीआरसी- समन्वयक का पद भी सृजित किया गया है जबकि D.P.E.P.- ।।। में बीआरसी स्तर पर इन दो पदों के साथ ही दो सहायक समन्वयकों के पद भी सृजित किये गये हैं। वर्तमान में बी आर सी स्तर पर ७ सह समन्यक कार्य केर रहे है।
विद्यालय स्तर पर अध्यापकों के समर्थन हेतु बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयकों का सशक्तिकरण एवं क्षमता निर्माण अति महत्वपूर्ण है। अध्यापकों के आधारभूत प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत इनका "समर्थन" शैली के अन्तर्गत तीन दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यषाला ( व्तपमदजंजपवद) आयोजन भी किया गया। इस प्रशिक्षण योजना में निम्नांकित बिन्दु सम्मिलित थे -
सुनियोजन - इस कार्यशाला में समन्वयकों को वार्षिक योजना, त्रैमासिक योजना एवं मासिक योजना विकसित करने के कौषल में प्रषिक्षित किया गया। उन्हें विद्यालय निरीक्षण करने/ अध्यापकों को शैक्षिक समर्थन देने, प्रषिक्षण, बैठक, संगोष्ठी, कार्यशाला, यात्रा, पर्यवेक्षण, अभिलेखीकरण आदि कार्य सम्पन्न करने से सुपरिचित कराया गया।
आयोजन ( कार्यक्रमों का क्रियान्वयन ) - समन्वयकों को कार्यक्रमों के विविध प्रारूपों यथा - कार्य विभाजन, कार्यक्षेत्र, उत्तरदायित्व विकेन्द्रीकरण तथा आयोजनों की प्रणालियों से भी परिचित कराया गया। उन्हें अभिलेखों के रख- रखाव, सहभागिता की शैली में कार्य करने, सहयोग प्राप्त करने, सामूहिक कार्य संचालित करने एवं सीमित समय को प्रभावी ढंग से विभाजित करने ( समय प्रबन्धन) के कौषल में भी प्रषिक्षित किया गया।
प्रबन्धन - आधारभूत प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रबन्धन कौशल के विविध आयामों, यथा- निर्णय क्षमता, परिस्थिति आंकलन, धन व समय की अधिकतम उपयोगिता, दिषा- निर्देष प्रदान करने का अनुभव तथा दूसरों से सहयोग प्राप्त करने के कौशल में प्रशिक्षित किया गया।
मूल्यांकन एवं विश्लेषण - आधारभूत प्रशिक्षण के समय मूल्यांकन/ विष्लेषण के मानकों में भी उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए शिक्षा- शास्त्र के प्रकाश में डीपीईपी में मूल्यांकन/ विशलेषण के 38 मानक विकसित किये गये। विद्यालयों को ए, बी, सी, डी के अनुक्रम में ग्रेड प्रदान किया जाने लगा। अव्यहारिकता के दृष्टिगत 10 बिन्दु वाले मानक विद्यालयों के ग्रेडिंग हेतु निर्धारित किये गये। इसी प्रकार से डीआईईटी द्वारा बीआरसी एवं एनपीआरसी की ग्रेडिंग की जाती है।
अभिलेखीकरण ( प्रगति लेखन ) - इन समन्वयकों को सूक्ष्म, पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रगति लेखन के कौषल में भी प्रषिक्षित किया जाता है।
संसाधन व्यक्तियों का चिन्हांकन - पठन- पाठन के क्षेत्र में अतिरिक्त रूप से मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से ये संसाधन व्यक्ति बैठकों, कार्यषालाओं एवं संगोष्ठियों में आमंत्रित किये जाते हैं। इन संसाधन व्यक्तियों द्वारा अध्यापन सम्बन्धी विविध समस्याओं का निवारण किया जाता है।
वित्तीय प्रषिक्षण - कैश बुक पूर्ण करने व इसके रख- रखाव, आय- व्ययक विवरण तेयार करने एवं वित्तीय रूप- पत्रों को भरने तथा इसके रख- रखाव का वित्तीय प्रषिक्षण,यात्रा भत्ता/ दैनिक भत्ता प्रारूप भरने, कोटेशन आमंत्रण, तुलनात्मक तालिका बनाने, सामग्री प्रापक आदेश एवं बिल भुगतान विधि का प्रशिक्षण।
कार्यशाला की परिकल्पना पर प्रशिक्षण।
उपरोक्त के अतिरिक्त B.R.C./ N.P.R.C. समन्वयकों को अभिलेखों एवं विद्यालय पुस्तकालय के रखरखाव, छोटे स्तर की प्रतियोगिताओं का संचालन, न्यूज लेटर प्रकाशन तथा संसाधन व्यक्तियों की टीम बनाने के कार्यों में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
Teacher Eligibility Test : शैक्षिक समर्थन एवं पर्यवेक्षण
इस प्रकार से N.P.R.C. समन्वयकों को माह में एक बार समस्त प्राथमिक विद्यालयों तथा बीआरसी समन्वयकों एवं सहायक समन्वयकों को माह में 20 प्राथमिक विद्यालयों का भ्रमण करना चाहिये।
अध्यापक प्रशिक्षण ( वर्ष 2010-2011)
निरन्तर विस्तृत मूल्यांकन (C.C.E.) पर प्रशिक्षण (2 दिवसीय )।
पठन कौशल एवं अंकीय कौषल विकास प्रशिक्षण (2 दिवसीय) ।
अंग्रेजी अध्यापन प्रशिक्षण (3 दिवसीय)।
आरटीई अधिनियम , 2009 के सन्दर्भों पर प्रषिक्षण (3 दिवसीय)।
Teacher Eligibility Test : उच्च प्राथमिक स्तर
व्यवहारिक गणित अध्यापन प्रशिक्षण (2 दिवसीय)
व्यवहारिक विज्ञान अध्यापन प्रशिक्षण (2 दिवसीय)
अंग्रेजी अध्यापन प्रशिक्षण (3 दिवसीय)