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बाल विकास और शिक्षाशास्त्र : शिक्षण विधियाँ |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र : शिक्षण विधियाँ
- आपके विचार से विद्यालयों में छात्रों के शैक्षिक भ्रमण का प्रबंध करना आवश्यक होता है क्योंकि इससे - छात्रों को प्रत्यक्ष संपर्क से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
- विद्यालय में योग शिक्षा के संदर्भ में आपका विचार है कि - छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य और मन मस्तिक विकसित होगा।
- शिक्षण में प्रश्न करने का कौशल सर्वाधिक उपयुक्त है - छात्रों को परीक्षा हेतु तैयार करने में।
- विद्यालय में खेल के आयोजन का उद्देश्य होता है - बालक का सर्वांगीण विकास करना।
- छात्रों में स्काउट के प्रशिक्षण के लाभ पर आपके विचार हैं - छात्रों में सेवा भावना, मितव्ययिता, सत्य बोलना आदि गुणों का विकास होता है।
- छात्रों को मूल्यों की शिक्षा देना आवश्यक है क्योंकि - उनमें सद्गुणों के प्रति आस्था और सजगता विकसित हो।
- शिक्षक को अपने विषय वस्तु में निरंतर नए ज्ञान का समावेश करते रहना चाहिए जिससे - वह छात्रों को नवीनतम ज्ञान दे सके।
- बच्चों को कहानी सुनाकर पढ़ाना चाहिए, आपका विचार है कि - कहानी बच्चों के मस्तिष्क को केंद्रित करती है।
- बालकों में शोध व अनुसंधान संबंधी क्रियाकलाप विकसित करने हेतु - आप उनकी निरीक्षण शक्ति को बढ़ाएंगे।
- किस विद्वान ने सीखने( पाठ योजना) के पांच चरण बताए थे - हरबर्ट।
- यदि स्कूल में बच्चों की वाद विवाद प्रतियोगिता होने वाली हो, तो आप कुछ बच्चों के लिए - भाषण के लिए वे कहां से सामग्री लें इसका मार्गदर्शन करेंगे।
- जब अध्यापक अपनी कक्षा के छात्रों के लिए शिक्षण योजना तैयार करता है तो उसे छात्रों की - आयु और बौद्धिक आयु को ध्यान में रखना होता है।
- शिक्षा की प्रोजेक्ट विधि का आधार है - करके सीखने का सिद्धांत।
- विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों में प्रयोग करने की क्षमता का विकास कैसे किया जा सकता है - उन्हें प्रयोग करने का अभ्यास करा कर।
- यदि कक्षा शिक्षण के दौरान बीच-बीच में छात्रों को हंसने का मौका मिलता रहे और थोड़ा मनोरंजन होता रहे, तो - पढ़ाई रोचक बन जाती है।
- कक्षा शिक्षण में विविधता और रोचकता बनाती है - शिक्षण सामग्री के प्रयोग से।
- प्रश्न पूछने की कौन सी विधि को आप उचित समझते हैं - प्रश्न पूछने के बाद छात्र को सोचने का मौका दीजिए, उसके बाद छात्र को उत्तर देने को कहिए।
- सीखने का मुख्य तत्व है - सीखने की इच्छा, प्रेरणा और अनुकूल परिवेश।
- अच्छे शिक्षक को किस का ज्ञान होना चाहिए - बाल मनोविज्ञान, शिक्षा मनोविज्ञान, व्यवहारिक मनोविज्ञान।
- शिक्षा का एक सिद्धांत है कि बालक से पूर्व ज्ञान को जानकर उससे जोड़कर नया ज्ञान दिया जाए। बालक का पूर्व ज्ञान कैसे पता लगाएंगे - बालक से प्रश्न पूछ कर।
- पाठ योजना तभी सही बन सकेगी जब शिक्षक को - शिक्षण विधियों, शिक्षण सिद्धांतों और छात्रों का पूर्व ज्ञान हो।
- कक्षा शिक्षण की सफलता का रहस्य है - शिक्षक और छात्रों के बीच संतुलित एवं सुसंगत संवाद।
- कक्षा शिक्षण के दौरान आप छात्रों से कैसे प्रश्न पूछेंगे - पठित पाठ से संबंधित और पूर्व ज्ञान से संबंधित।
- किस शैली के शिक्षण को आधुनिक युग में उत्तम नहीं माना जाता है - व्यक्तिगत भिन्नता पर आधारित मनोवैज्ञानिक शिक्षण।
- संदर्भ पुस्तकों एवं अन्य पाठ सामग्रियों के अध्ययन से क्या लाभ है - ज्ञान में व्यापकता आती है।
- कक्षा शिक्षण में छात्रों की तल्लीनता को भंग होने से बचाने के लिए अध्यापक को चाहिए कि - विषय को रोचक बनाने के लिए वह उचित शिक्षण सामग्रियों एवं तकनीकों का प्रयोग करता रहे।
- कक्षा शिक्षण को प्रभावशाली और सार्थक बनाने का एक उपाय है - शिक्षण के तत्काल बाद छात्रों से इस संबंध में प्रश्न पूछना।
- यदि कोई छात्र लगातार गृह कार्य नहीं करता, तो उसे सुधारने के लिए आप कौन सा उपाय करना चाहेंगे - छात्र के मां-बाप का सहयोग लेना चाहेंगे।
- आप आकस्मिक परीक्षा लेना उचित समझते हैं क्योंकि - उससे छात्रों की योग्यता और उनके ज्ञान का सही अनुमान लगाया जा सकता है।
- शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए क्या आवश्यक है - छात्रों का सतत मूल्यांकन।
- गृह कार्य देने के ढंग के संबंध में आपका क्या विचार है - गृह कार्य छात्रों की क्षमता और उनकी योग्यता के अनुसार देना लाभदायक होता है।
- जब आपको अपने विषय का पूर्ण ज्ञान होगा तभी - आप अपने छात्रों की सभी शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।
- शिक्षक को निरंतर अध्ययन करते रहना चाहिए ताकि वह - अपनी शैक्षिक योग्यता बढ़ा सकें।
- छोटे बच्चों की कोई विषय वस्तु याद कराने का आप सबसे अच्छा उपाय क्या समझते हैं - बार-बार दोहरा कर याद करना।
- छोटे बच्चों को गृह कार्य देने के संबंध में आपकी क्या राय है - उन्हें गृह कार्य थोड़ा ही देना चाहिए ताकि कक्षा में जो पढ़ाया गया है उसे दोहरा लें।
- कक्षा में नया पाठ पढ़ाने से पहले शिक्षक को - नए पाठ के बारे में बच्चों में रुचि और जिज्ञासा पैदा कर लेनी चाहिए।
- कक्षा के लिए पाठ योजना तैयार करते समय अध्यापक को मुख्यता किस बात का ध्यान रखना चाहिए - छात्रों के औसत दर्जे का ज्ञान, शिक्षण उद्देश्य, पाठ्यचर्या के लक्ष्य।
- प्रोजेक्ट कार्य का उद्देश्य छात्रों में - सृजनात्मक योग्यताओं को प्रोत्साहित करना है।
- शिक्षण की सबसे कमजोर विधि कौन सी है - पाठ्यपुस्तक विधि।
- किस विधि से छात्र सबसे अधिक और अच्छी तरह से सीखते हैं - स्वयं करके।
- शिक्षक शिक्षण विधि सबसे अधिक सीखता है अपने - छात्रों से।
- छात्रों को पहले कोई सामान्य नियम बताकर उसके बाद उस नियम के उदाहरण देकर नियम की पुष्टि करने की विधि को - निगमन विधि कहते हैं।
- आगमन विधि पढ़ाने में पहले - उदाहरण दिए जाते हैं फिर उनके आधार पर नियम बनाया जाता है।
- कहानी सुनाना शिक्षण की एक विधि है, इस विधि में शिक्षक को क्या नहीं करना चाहिए - हाव भाव प्रदर्शन और अभिनय नहीं करना चाहिए।
- आवृत्ति के सिद्धांत का उद्देश्य है - अर्जित ज्ञान को स्थाई बनाने के लिए उसे दोहराना।
- शिक्षा की प्रयोगात्मक विधि का प्रयोग - सभी विषयों के शिक्षण के लिए किया जा सकता है।
- बुनियादी शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक है क्योंकि - इसमें पाठ पुस्तकों की अपेक्षा छात्र को प्रधानता दी जाती है।
- शिक्षण की परियोजना पद्धति - बालक केंद्रित है।
- प्रोजेक्ट शिक्षण विधि छात्र को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करती है क्योंकि - इसमें छात्र के ज्ञान का आधार उसका निजी अनुभव होता है।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की एक विशेषता यह है कि - उनका मापन हमेशा स्थिर होता है।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के संबंध में कौन सी बात सही है - ऐसे प्रश्नों के माध्यम से पाठ्यक्रम के बहुत बड़े भाग को सम्मिलित किया जा सकता है।
- अभ्यास पाठ का अर्थ है - छात्रों के समक्ष तथ्यों को एक क्रम में रखना।
- शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यह आवश्यक है कि - छात्रों का सतत मूल्यांकन किया जाए।
- निबंधात्मक परीक्षण विश्वसनीय नहीं होते हैं क्योंकि - इनके परिणाम भिन्न भिन्न होते हैं।
- गृह कार्य देने का लाभ होता है कि - छात्रों की प्रगति की जांच की जा सकती है।
- शिक्षण प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं है - ज्ञान निर्मित करना।
- रटने का सबसे बड़ा दोष क्या है - इससे बहुत सी अनुपयोगी चीज याद हो जाती हैं।
- एक अच्छे अध्यापक को समाचारपत्र तथा पत्रिकाएं पढ़नी चाहिए क्योंकि - इससे विद्यार्थी को उपयोगी जानकारी देने में सहायता मिलती है।
- अपने शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आप - अधिक समय के लिए उदाहरण देंगे।
- शिक्षार्थियों की अधिगम कठिनाइयों को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए - कारण जानकर उन्हें दूर करना।
- मूल्यांकन की सर्वाधिक उपयुक्त विधि है - सतत एवं व्यापक मूल्यांकन।
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