प्राथमिक शिक्षा का विकास
- शैक्षणिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान होता है - बालक का।
- संपूर्ण प्रक्रिया का संचालन केंद्र मानकर किया जाता है - विद्यार्थी।
- आधुनिक शिक्षा को कहा जाता है - बाल केंद्रित शिक्षा।
- शिक्षा के क्षेत्र में बाल केंद्रित शिक्षा का श्रीगणेश करने वाला विचारक था - रूसो।
- बालक का अध्ययन करने के लिए मनोवैज्ञानिक विधियां हैं - प्रेक्षण, प्रयोग, अंतर निरीक्षण, मनोविश्लेषण।
- भारत वर्ष में 100% साक्षरता प्राप्ति हेतु कार्यक्रम चलाए गए - साक्षरता आंदोलन।
- नई शिक्षा नीति का प्रारूप प्रस्तुत किया गया - 1986 में ।
- प्रारंभिक शिक्षा के नवीन प्रयास प्रारंभ हुआ - नई शिक्षा नीति से।
- प्रोग्राम आफ एक्शन की घोषणा की गई - 1986 में।
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई - नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव पर।
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान का प्रमुख कार्य है - प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की योग्यता में सुधार ।
- प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर।
- जिला शिक्षा परिषद की शाखा के रूप में कार्य करता है - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।
- विद्यालय कार्यक्रमों का संचालन होता है - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर।
- शिक्षा से संबंधित गैर औपचारिक कार्यक्रम का संचालन करता है - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।
- प्रारंभिक शिक्षा संबंधी परियोजनाएं संचालित करता है - जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।
- ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का प्रारंभ हुआ - 1987
- ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का प्रस्ताव पारित हुआ - नई शिक्षा नीति 1986 द्वारा।
- ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड संबंधित है - प्राथमिक शिक्षा से।
- राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्रारंभ हुआ - 1988 में।
- जिला प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम प्रारंभ हुआ - 1994 में।
- अनिवार्य एवं सार्वजनिक शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कार्यक्रम है - जिला प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम।
- मध्यान्ह भोजन योजना प्रारंभ हुई - 15 अगस्त 1995।
- मध्यान्ह भोजन योजना का उद्देश्य है - प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पोषाहार की व्यवस्था करना।
- प्राथमिक विद्यालय में नामांकन में वृद्धि करना उद्देश्य है - मध्यान्ह भोजन योजना का।
- प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पका हुआ भोजन देने का प्रावधान किया गया - 2001।
- 2001 से पूर्व मिड डे मील में व्यवस्था थी - 3 किलोग्राम गेहूं प्रत्येक महीने ।
- कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को विद्यालय के प्रति आकर्षित करने के लिए अभियान चलाया गया - स्कूल चलो अभियान जुलाई 1996 में।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को विद्यालय के प्रति आकर्षित करने के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई - स्कूल चलो अभियान के माध्यम से।
- सचल विद्यालय चलाया जाता है - राजस्थान में।
- राजस्थान में घुमंतु जनजाति के परिवारों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है - सचल विद्यालय द्वारा।
- प्राथमिक शिक्षा की सर्व सुलभता हेतु बिहार में चलाया जाता है - चरवाहा विद्यालय।
- स्कूल चलो अभियान अंग है - सर्व शिक्षा अभियान का।
- सर्व शिक्षा अभियान नाम से नई संशोधित योजना लागू की गई है - 2001 से।
- सर्व शिक्षा अभियान चलाया जाता है - मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा।
- सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य है - सार्वभौम अनिवार्य शिक्षा।
- सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य है - प्राथमिक शिक्षा को गुणात्मक तथा समुदाय केंद्र बनाना।
- राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई - 1995 में।
- सर्व शिक्षा अभियान का लोगो है - सब पढ़े सब बढ़े।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना प्रारंभ हुई - 2004 में।
- प्राथमिक स्तर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिए दुर्गम क्षेत्रों में आवासीय सुविधाएं उपलब्ध है - कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में।
- प्राथमिक शिक्षा को 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए बुनियादी अधिकार बनाने हेतु संसद में 86 वा संशोधन किया - 2002 में।
- 86 वा संशोधन द्वारा क्या को शामिल किया गया - मौलिक अधिकार में।
- शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है - अनुच्छेद 21 क ।
- बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित हुआ - 2009 में।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू हुआ - 1 अप्रैल 2010 से।
- सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है - प्रत्येक नागरिक को प्राथमिक शिक्षा सुलभ हो।
- कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने की स्वतंत्रता है - अनुच्छेद 28।
- अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण है - अनुच्छेद 29।
- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार - अनुच्छेद 30।
- कुछ दशकों में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार - अनुच्छेद 41।
- शैशव पूर्व देखभाल तथा 6 वर्ष से नीचे आयु वर्ग के बालकों के लिए शिक्षा व्यवस्था है - अनुच्छेद 45।
- अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों तथा वंचित वर्गों की शिक्षा एवं अर्थ संबंधित हितों का संरक्षण - अनुच्छेद 46।
- प्राथमिक अस्तर पर मातृभाषा में शिक्षा व्यवस्था - अनुच्छेद 350 क ।
- मूल अधिकार में निहित राज्य को 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराना - अनुच्छेद 21a ।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने बालकों के अधिकारों की घोषणा की - 20 नवंबर 1989।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के बालक के अधिकारों की घोषणा को भारत में स्वीकार किया - 11 दिसंबर 1992।
- बाल अधिकारों के प्रमुख चार बिंदु - जन्म पंजीकरण और राष्ट्रीयता प्राप्त करने का अधिकार, बच्चे को अपने राष्ट्रीयता, नाम एवं पारिवारिक नाम बनाए रखने का अधिकार, बच्चों के माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध अलग न करना, माता-पिता अथवा परिवार से पुनः एकीकरण और संबंध बनाए रखने का अधिकार।
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