प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित संवैधानिक अनुच्छेद

प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित संवैधानिक अनुच्छेद

अनुच्छेद 21(A) - संविधान के अनुच्छेद 21(a) के अंतर्गत राज्य को 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करानी होगी और यह राज्य द्वारा निर्धारित कानून के अंतर्गत होगा।

अनुच्छेद 29 - अनुच्छेद 29 में अल्पसंख्यक वर्गों के शैक्षणिक हितों का संरक्षण का प्रावधान किया गया है। कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी भाषा, लिपि, और संस्कृति को सुरक्षित रख सकता है और उसे केवल भाषा, जाति, धर्म और संस्कृति के आधार पर उसे किसी भी सरकारी शैक्षिक संस्था में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा। वर्तमान में 6 समुदाय मुस्लिम ,पारसी, ईसाई, सिख, बौद्ध एवं जैन को अल्पसंख्यक वर्ग का दर्जा प्रदान किया गया है।

अनुच्छेद 29(2) - किस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्य द्वारा पोषित या राज्य विधि से सहायता प्राप्त करने वाली किसी शिक्षा संस्था में किसी नागरिक को केवल धर्म, जाति, प्रजाति, भाषा या इन में से किसी एक के आधार पर प्रवेश देने से नहीं रोका जाएगा।

अनुच्छेद 30 - इस अनुच्छेद में शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार दिया गया है। कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी पसंद का शैक्षणिक संस्थान चला सकता है और सरकार उसे अनुदान देने में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करेगी।

अनुच्छेद 45 - किस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्य के इस संविधान के लागू होने के समय से 10 वर्ष के अंतर्गत सभी बच्चों के लिए जब तक वे 14 वर्ष के नहीं हो जाते निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा।


शिक्षा में बाल अधिकार

संयुक्त राष्ट्र संघ-यू एन ओ  ने मानव अधिकारों की सार्वजनिक घोषणा में 10 दिसंबर 1950 को सभी देशों को याद दिलाया कि प्रत्येक बालक बालिका को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है तथा शिक्षा को प्रारंभिक स्तर पर निशुल्क होना चाहिए।

बालकों के श्रम का  प्रतिषेध एवं उनको प्रदत्त संवैधानिक प्रत्याभूति के रूप में अनुच्छेद 14, 15(3), 21, 24,39(ड), एवं 39 च , 41, 45 एवं 46 विशेष महत्वपूर्ण है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने बालकों के अधिकारों की घोषणा 20 नवंबर 1989 में की। इस घोषणा का मूल्य उद्देश्य विश्व के समस्त बालकों और बालिकाओं के लिए मूलभूत मानवीय अधिकारों को सुनिश्चित करना था। भारत सरकार ने इस घोषणा को 11 दिसंबर 1992 को स्वीकार किया जिसके बिंदु निम्नलिखित प्रकार से  हैं - 

बच्चों के जन्म के तुरंत बाद पंजीकरण और राष्ट्रीयता प्राप्त करने का अधिकार है।
बच्चों को माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध  अलग ना रखना।
बच्चों के अपहरण, क्रय विक्रय एवं व्यापार को रोकने के लिए राष्ट्र द्वारा कानून बनाना।
माता-पिता अथवा परिवार से पुनः एकीकरण और संबंध बनाए रखने का अधिकार।
बच्चों को नशीले  पदार्थों का प्रयोग करने से रोकना।
जहां गोद लेने की मान्यता है वहां बच्चों के हित को ध्यान में रखना।
लैंगिक शोषण से बचाना।
बच्चों को आर्थिक,  शारीरिक, मानसिक तथा नैतिक दृष्टि से शोषण होने से बचाना। 

Teacher Eligibility Test : बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009

आरटीई (RTE)अधिनियम क्या है

निशुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम 2009 में बच्‍चों का अधिकार, जो अनुच्‍छेद 21क के तहत परिणामी विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है, का अर्थ है कि औपचारिक स्‍कूल, जो कतिपय अनिवार्य मानदण्‍डों और मानकों को पूरा करता है, में संतोषजनक और एकसमान गुणवत्‍ता वाली पूर्णकालिक प्रांरभिक शिक्षा के लिए |

शिक्षा का उद्देश्य क्या है

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के मुताबिक, शिक्षा के व्यापक लक्ष्य हैं, बच्चों के भीतर विचार और कर्म की स्वतंत्रता विकसित करना, दूसरों के कल्याण और उनकी भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना, और बच्चों को नई परिस्थितियों के प्रति लचीले और मौलिक ढंग से पेश आने में मदद करना।

प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार कानून कब बना

शिक्षण अधिकार सर्व शिक्षा अभियान संविधान (86वां) संशोधन अधिनियम, 2002 के माध्‍यम से भारत के संविधान में अनुच्‍छेद 21-क शामिल किया गया है ताकि छह से चौदह वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्‍चों को विधि के माध्‍यम से राज्‍य द्वारा यथा निर्धारित मौलिक अधिकार के रूप में नि:शुल्‍क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जा सके।

'शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009', 1 अप्रैल, 2010 से सम्पूर्ण भारत में लागू कर दिया गया । इसका प्रमुख उद्देश्य है- वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य, गुणवतायुक्त शिक्षा को सुनिश्चित करना । इस अधिनियम को सर्व शिक्षा अभियान तथा वर्ष 2005 के विधेयक का ही संशोधित रूप कहा जाए, तो समीचीन ही होगा ।

Teacher Eligibility Test : बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है। इसके अंतर्गत 7 अध्याय और 38 खंड हैं जिसमें अध्याय निम्न प्रकार से हैं -
प्रस्तावना
निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार
केंद्र राज्य स्थानीय सरकारों और अभिभावकों का दायित्व
स्कूल और शिक्षकों के दायित्व
प्रारंभिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को पूरा किया जाना
बाल अधिकारों का संरक्षण
अन्य प्रासंगिक बातें
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विशेषताएं
भारत के 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बीच आने वाले सभी बच्चों को मुफ्त तथा अनिवार्य शिक्षा।
कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की शिक्षा 'प्राथमिक शिक्षा' के रूप में परिभाशित।
प्राथमिक शिक्षा खत्म होने से पहले किसी भी बच्चे को रोका नहीं जाएगा, निकाला नहीं जाएगा या बोर्ड परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी।

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