अधिगम (सीखना) और अधिग्रहण
Learning and Acquisition
Child Development And Pedagogy : अधिगम शिक्षा मनोविज्ञान में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय है। मनोविज्ञान में अधिगम केवल उन्हीं परिवर्तनों को कहा जाता है जो अभ्यास एवं अनुभव के फल स्वरुप होते हैं तथा जिनका उद्देश्य बालक के अधिगम में सहायता करना होता है।
अधिगम या सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। या दूसरे शब्दों में अधिगम नवीन ज्ञान और नवीन प्रतिक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया है
Child Development And Pedagogy : अधिगम प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं -
सीखने का उचित वातावरण - सीखने की क्रिया पर न केवल कक्षा के अंदर बल्कि बाहर के वातावरण का भी प्रभाव होता है। कक्षा के बाहर का वातावरण शांत होना चाहिए अन्यथा निरंतर शोरगुल से छात्रों का ध्यान सीखने की क्रिया से हट जाता है।
सीखने की विधि - सीखने की विधि का संबंध छात्र और विषय दोनों से है। यह विधि जितने ही अधिक रुचिकर और उपयुक्त होती है सीखना उतना ही अधिक सरल होता है। इसलिए प्रारंभिक कक्षाओं में खेल और करके सीखने आदि विधियों का और उच्च कक्षाओं में पूर्ण, सामूहिक और सहसंबंध विधियों का प्रयोग किया जाता है।
सीखने की इच्छा - यदि छात्रों में किसी बात को सीखने की इच्छा होती है तो वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उसे सीख लेते हैं।
परिपक्वता - शारीरिक और मानसिक परिपक्वता वाले छात्र नए पाठ कों सीखने के लिए सदैव तत्पर और उत्सुक रहते हैं। अतः वह सीखने में किसी प्रकार की कठिनाई का अनुभव नहीं करते हैं।
बालकों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य - जो छात्र शारीरिक और मानसिक दृष्टि से स्वस्थ होते हैं, वह सीखने में रुचि लेते हैं और शीघ्र सीखते हैं।
अध्यापक व सीखने की प्रक्रिया - सीखने की प्रक्रिया में पथ प्रदर्शक के रूप में शिक्षक का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उसके कार्यों और विचारों, व्यवहार और व्यक्तित्व, ज्ञान और शिक्षण विधि का छात्रों के सीखने पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
अधिगम जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है।
अधिगम सक्रिय है।
अधिगम सार्वभौमिक तथा विकासशील है।
अधिगम विवेकपूर्ण होता है।
अधिगम अनुभवों तथा अभ्यास का संगठन है।
अधिगम अनुकूलन है।
अधिगम खोज करने तथा वातावरण की उपज है।
थार्नडाइक का संबंधवाद
स्किनर का सिद्धांत
अंतर्दृष्टि का सिद्धांत
प्रबलन का सिद्धांत
मुख्य नियम - तत्परता का नियम, अभ्यास का नियम, संतोष का नियम।
Child Development And Pedagogy : अधिगम की प्रमुख विशेषताएं निम्नांकित हैं -
अधिगम सक्रिय है।
अधिगम सार्वभौमिक तथा विकासशील है।
अधिगम विवेकपूर्ण होता है।
अधिगम अनुभवों तथा अभ्यास का संगठन है।
अधिगम अनुकूलन है।
अधिगम खोज करने तथा वातावरण की उपज है।
Child Development And Pedagogy : अधिगम के सिद्धांत एवं नियमन - एक संक्षिप्त परिचय
अधिगम एक ऐसी प्रक्रिया है जो जीवन पर्यंत चलती है। सीखना भूतकाल अर्थात पूर्व में की गई क्रिया या अनुभव का परिणाम होता है। मनोवैज्ञानिकों द्वारा दिए गए कुछ सिद्धांतों एवं नियमों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है। हम अपने अगले आने वाले लेखों में अधिगम के सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन करेंगे फिलहाल यहां पर एक संक्षिप्त परिचय दिया जा रहा है -
सिद्धांत
अधिगम के कुछ प्रमुख सिद्धांत निम्नांकित है -
स्किनर का सिद्धांत
अंतर्दृष्टि का सिद्धांत
प्रबलन का सिद्धांत
Child Development And Pedagogy : थार्नडाइक के सीखने के नियम
थार्नडाइक के अपने सीखने के नियमों को दो भागों में बांटा है -
गौण नियम - अभिवृत्ति का नियम, बहु प्रतिक्रिया का नियम, आंशिक क्रिया का नियम,आत्मीयकरण का नियम, परिवर्तन का नियम।
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